Thursday, October 6, 2016

ब्लैक होल्स


यह बात सच है कि ब्रह्मांड में बेरोज़गार और अदृश्य विशालकाय राक्षस होते हैं। हालांकि हम उन्हें सीधे निरीक्षण नहीं कर सकते मगर उनकी उपस्थिति महसूस किया जा सकता है। ब्रह्मांड में कुछ भीइन ब्लैक होल्स (Black Holes) शक्तिशाली, हीबतनाक, और भयानक नहीं है। ब्लैक होल बिना भेदभाव हर चीज पचा लेते हैं जो उनकी पहुंच में हो उस में वह कुछ भेदभाव नहीं करते चाहे इस ग्रह हों या सितारे कोई बात उनसे बच नहीं सकती .बलेक होल्स ने शुरू से ही विशेषज्ञों भौतिकी को उलझा कर रखा हुआ है। इसकी वजह उनके आसपास नियमों भौतिकी बहुत ही अजीब तरीके से व्यवहार कर ना है।बहरहाल एक बात तो साबित है कि हमारे ब्रह्मांड पर उन्हीं के शासन है.आम तौर पर ब्लैक होल्स आकाशगंगाओं के केंद्र या दिल में होते हैं। अब हम जान गए हैं कि ब्रह्मांड के विकास में उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण प्रकृति का है। ब्लैक होल्स ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमय चीजों में से एक हैं। उनकी तकली शक्ति इतना सही है कि कोई भी चीज़ उस सेराह बच नहीं मिल सकती। वह पूरी की पूरी आकाशगंगा को निगल सकते हैं।

अब से कुछ समय पहले तक ब्लैक होल्स विज्ञान कथा में ही नजर आते थे। लेकिन अब हम जानते हैं कि वे वास्तव ोजूदरखते ये कोई अधिक समय पहलेकी बात नहीं है जब लोग ब्लैक होल्स की उपस्थिति का मजाक उड़ाया करते थे और उन्हें वैज्ञानिक मिथकों से ज्यादा कुछ नहीं समझते थे। मगर अब लोग उन्हें गंभीरता से लेते हैं। हालांकि अब यह संभव नहीं है कि हम रिायमें यात्रा करके उनमें से एक तक पहुँच सकें और  ही हम उन्हें सीधे निरीक्षण कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास उनकी उपस्थिति के स्पष्ट सबूत हैं। वैज्ञानिक एक ब्लैक होल को ईगल नक्षत्र में एक सितारा हड़प करते हुए निरीक्षण कर चुके हैं। कुछ ही लाखों साल में इस स्टार जीवित ही ब्लैक होल भोजन बन जाएगा। ब्लैक होल्स लक्कड़ पचाने पत्थर पचाने होते हीं.बलेक होल्स में गिरने वाली किसी भी चीज का वह समय का अंत होता है। इसमें गिरने वाली बात चाहे स्टार हो, पदार्थ है, ऊर्जा है, या फिर कुछ और, सभी के लिए वह केवल मौत ही है। हालांकि यह ब्रह्मांड की विनाशकारी शक्तियों में एक सबसे विनाशकारीशक्ति हैं लेकिन इसके बावजूद यह आकाशगंगाओं के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कुछ खगोलविदों के पास ब्लैक होल्स किसी अन्य समानांतर ब्रह्मांड का दरवाजा है। हम ब्लैक होल्स पर होने वाली अनुसंधान के सुनहरे दौर में प्रवेश कर रहे हैं। हो सकता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत और अंत के बारे में वह ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर दें जो पहले हमें पता नहीं थी.जदीद खगोलीय ब्लैक होल्स की भूमिका आगे का हो गया हे.ानखों हमारी आकाशगंगाओं के विकास के ज्ञान औरजानने तंत्र को बदल कर रख दिया हे.कूत गुरुत्वाकर्षण जो ब्रह्मांड की बुनियादी शक्तियों में से एक है, ब्लैक होल्स को जबरदस्त शक्ति प्रदान करती है। तकली शक्ति हम जमीन पर टिके रहने में मदद करती है। इसी की बदौलत जमीन सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। मगर यही तकली शक्ति ब्लैक होल्स में सब कुछ जकड़ लेती है। यहां तक कि दूर सितारों से आने वाली प्रकाश भी कोहनी कर देती है।और अगर वह प्रकाश उनके कुछ करीब आ जाए तो यह भी पचा लेते हैं।

ब्लैक होल सब कुछ हजम करने की इस सुविधा को समझने के लिए हम एक झरने का उदाहरण लेते हैं। आप कल्पना कीजिए कि तकली बल एक दरियाहे जो झरने के गिरने के स्थान की ओर बह रहा है।आम तौर पर पानी काबहाउ झरना शुरू होने वाले स्थान से कुछ दूर कमजोर होता है। अब आप किरण पानी में तैरती डोंगी से उपमा दें। अगर यह डोंगी झरने के गिरने के स्थान से दूर होगी और इसमें बैठे सवार चपो जोर से चलाएगा तो वह झरने के गिरने के स्थान से दूर हो जाएगी। झरना के इस स्थान को जहां से पानी गिर रहा है यह ब्लैक होल का किनारा कीजिए। अब ज़रा सोचिए कि अगर डोंगी सवार झरने के गिरने के स्थान के करीब आ जाए तो फिर क्या होगा जाहिर सी बात है कि इस जगह पानी का प्रवाह बहुत शक्तिशाली होगा। दांग सवारी पूरी कोशिश करेगा कि वह झरने के गिरने के स्थान से दूर चला जाए मगर प्रवाह इतना तेज होगा कि वह जितनी भी कोशिश करे झरना नीचे ही गिरेगा। अंतरिक्ष में भी यही सिद्धांत संचालित होता हे.जीसे जैसे आप ब्लैक होल के किनारे के करीब होते जाएंगे वैसे-वैसे तकली शक्ति में वृद्धि होती जाएगी और वह इतना शक्तिशाली हो जाएगी कि किरण भी फरार हासिल नहीं कर पाएगी। प्रकाश पचाने की इसी विशेषता की बदौलत उनका नाम " ब्लैक होल " रखा गया है। यह पूरी तरह एकतरफा टिकट की तरह है जहां आप में प्रवेश तो हो सकते हैं मगरबाहर नहीं जा सकता। जो चीज़ भी उनके पास जाएगी उसका अंत अनिवार्य होगा। सितारे, ग्रह, सिस्टम हा हुए सौर सब कुछ। और हाँ, यह मत समझिए कि यह ब्लैक होल्स हम या हमारी आकाशगंगा से कहीं बहुत दूर स्थित हैं। ब्लैक होल्स बिल्कुल हमारे पड़ोस में भी मौजूद हैं।

अब हम यह बात जान चुके हैं कि हमारी आकाशगंगा विदेशी वे काफी ब्लैक होल्स मटर गश्त कर रहे हैं। अगर कभी कोई भटकता हुआ ब्लैक होल हमारे सौर मंडल के पास निकल आया तो वह हमारे टुकड़े कर देगा। किसी भी प्रकार का ब्लैक होल जो हमारे करीब गकृसकता होवह सारेंगठाम सौर ग्रह निगल ले गा.दरहकीकत ब्लैक होल सारे ग्रहों को उनके कक्षा से खींच कर एक दूसरे से टकरा कर रेज़ा रेज़ा कर देगा। यह बड़ा ही भयानक और क़यामत बात दृश्य होगा। यह ऐसे ही है जैसे कांच के बर्तन की दुकान में एक भपुरा हुआ बैल छोड़ दिया जाए.ागरया ब्लैक होल ग्रह बृहस्पति के पास आएगा तो बृहस्पति कि सभी चंद्रमा उसके कक्षा से हट जाएं गे.ंगठाम सौर दूसरे ग्रह इधर उधर भटकें करेंगे । क़यामत का सा समाई होगा। अगर ब्लैक होल जमीन की ओर रुख करेंगे तो सभी शहाबेये और उपग्रहअपने कक्षा को छोड़कर पृथ्वी लपकें करेंगे। जमीनी स्तर नरक बन जाएगी। और यह तो बस पतन की शुरुआत होगी। पहले पहल तो वे पृथ्वी के वायुमंडल को नगले गाफर इसके बाद जमीन की अपनी बारी आने गी.एक पूर्ण सौर प्रणाली को नष्ट करना किसी ब्लैक होल के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। ब्लैक होल घनत्व अविश्वसनीय तरक्की होती है। उनके घनत्व को समझने के लिए हम एक उदाहरण का सहारा लेते हैं। जरा जमीन कल्पना में लाएं अब इसे दबाना शुरू और इतना प्रेस वह ठोस होकर केवल 2 इंच रह जाए। ब्लैक होल घनत्व उतनी ही अधिक होती है यानी हमारी पूरी जमीन घनत्व ब्लैक होल की एक गोल्फ की गेंद के जितने हिस्से घनत्व के बराबरहोगी। मगर जरा रकए ... और बताओ आखिर वह कौन सी शक्ति है जो पृथ्वी के बराबर वजन इतना दबा कर छोटा और इतना शक्तिशाली बना देता है। कोई बाहरी शक्ति तो ब्लैक होल का निर्माण नहीं करती। यह केवल तभी हो सकता है जब शक्ति गुरुत्वाकर्षण ही ऐसा करे।

ब्रह्मांड में एक ही ऐसी जगह है जहां शक्ति गुरुत्वाकर्षण यह काम कर सकती है और वह जगह है सितारों का दिल या केंद्र (Center)  जब कोई सितारा जो सूर्य से कम से कम 10 गुना बढ़ क हो, अपने जीवन पूरी कर लेता है तो बल गुरुत्वाकर्षण इसे इतना दबाता है कि वह एक महान विस्फोट से फट जाता है जिसको हम सपरनवोा (Supernova) कहते हैं 2  मगर कुछ सितारे भी बड़े होते हैं। वह महान ालजतह सितारे हमारे सूर्य से भी 100 गुना तक बड़े हो सकते हैं। और उनकी तकली ताकत 100 गुना अधिक होती है। जब इस प्रकार का कोई सितारा जीवन पूरी करता है वह ब्रह्मांड के सबसे बड़े धमाके के साथ फट जाता है जिसको हम हाइपर नोवा ( Hypernova ) कहते हैं। और इसी के साथ ब्लैक होल जन्म देती है। हमारे पूरे ब्रह्मांड सितारों ाटी पड़ी है। कुछ सितारे अपने जीवन पूरी करके मौन के साथ मर जाते हैं और कुछ चश्मदीद फहराया विस्फोट फट पड़ते हैं और उनमें से कुछ ब्लैक होल को जन्म देते हैं। जब कोई महान ालजतह सितारा जो सूरज लगकर लगभग 100 गुना बड़ा होता है और अपनातमाम ईंधन फूंक देता है तो उस समय बल गुरुत्वाकर्षण परमाणु शक्ति पर हावी आ जाती है और फिर वह सितारा अपनी मौजूदा फार्म को बरकरारनहीं रख सकता और इसका केंद्र ब्लैक होल में ढल जाता है। और जब ऐसा होता है तो सितारे के केंद्र में पैदा हुई जबरदस्त तकली शक्ति बेकाबू हो जाती है।

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ही मरता हुआ सितारा देखा जिसका नाम वी Y मान कीनस मजूरस (VY Canis Majoris ) है (देखें। फोटो नंबर 2) .यह एक अरब मील में फैला हुआ है। प्रत्येक सितारे की तरह यह एक महान परमाणु रिएक्टर की तरह काम करता है। जिस का काम ऊर्जा पैदा करना है। साथ ही स्टार तकली बल उसे अंदर से दबा रही है। कुछ वर्षों तक तकली बल और परमाणु शक्ति एक प्रतिद्वंद्वी रहेंगी मगर जब स्टार अपना सभी ईंधन फूंक देगा तो परमाणु प्रक्रिया रुक जाएगा और जीत तकली बल होगी। एक सेकंड के लाखोें हिस्से से भी कम में अभिनय केंद्र सिकुड़ कर बहुत ही छोटा सा रह जाएगा और नवजात ब्लैक होल का जन्म हो जायेगा। तुरंत "ही ब्लैक होल सितारे का बचा मोटा हिस्सा पचाने शुरू हो जाएंगे। जैसे-जैसे पदार्थ ब्लैक होल के भंवर में गुम होगा वैसे-वैसे इस तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा और दूसरी ताकतों जैसे चुंबकीय शक्ति और घर्षण बल कारस्तानियाँ भी शुरू हो जाएंगी। और यह सब बहुत ही भयानक तरीके से होगा.साइनस दान यह बात जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं कि इस समय ब्लैक होल के स्तर से काफी क  क्या चल रहा होगा। नवजात ब्लैक होल सितारे बिल्कुल केंद्र में पैदा हुआ होगा और वह लगातार सितारे बच्चे कच्चे पदार्थों को पचा कर रहा होगा। सितारों का बचा कच्चा पदार्थ क्षितिज ोकीिह (Event Horizon) पास असंख्य दार टकया (Accretion Disk) सी बना देगा। अब ब्लैक होल इस तह दार टकया से आती हुई सितारे का बचा कच्चा पदार्थ इतनी तेजी से हजम होता है कि आखिर इस केंद्र में आती हुई गैस की गति इस गैस को पचाने की गति से बढ़ जाएगी और एक जबरदस्त विस्फोट ऊर्जा तरंगों का उत्सर्जन ऊर्जा तुारों (Jets) के मामले में होगा जिसे ांजार पत्र कली किरणें (Gamma Rays Burst) कहते हैं (देखें। फोटो नंबर 3)। वास्तव में यह सब इतना तेजी से होगा शेष सितारे को भी यह नहीं पता चल सकेगा कि उसका केंद्र गायब हो गया है और यह बस है जीसेकसी बात की जमीन पर गिरने से पहले ही मौत हो आखिर कार सितारा फट जाएगा।

हमारा सूरज जितनी ऊर्जा अपने पूरे जीवन में हटाता है इससे 100 गुना ऊर्जा इस हाइपर नवोाएक सेकंड में शामिल नहीं है। विस्फोट के बाद केवल ब्लैक होल और ऊर्जा के दो फव्वारे ही बच पाते हैं। इस फव्वारे ब्रह्मांड में प्रकाश की गति से दौड़ते हैं। इस जजमेंट बात दृश्य का वर्णन शब्दों में संभव नहीं हे.बग बैंग शक्ति और ऊर्जा के बाद अगर किसी और चीज का नंबर आता है तो वह यह पत्र कली किरणेंही हैं। अधिक तरशझउं की उम्र केवल कुछ ही सेकंड की होती हेावरीह अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को भून कर रख देती हैं। अपनी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर यह हमारी आकाशगंगा में सौर प्रणाली कि आस पास हो तो वास्तव में हमारा पूरा का पूरा ग्रह भाप बनकर उड़ जाएगा। सौभाग्य से अधिक तरगीमा किरणों के प्रभाव के ांजार हमारी आकाशगंगा से काफी दूर घटित होते हीं.बलेक होल्स के बारे में गीमाशिाें हमें बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं और हमें ब्रह्मांड को समझने में मदद करते हैं। हम जब भी आसमान में उनके पत्र कली किरणों के प्रभाव के ांजार देखते हैं दरअसल यह किसी जन्मे ब्लैक होल की निशानी होती है। उनके पत्र कली किरणों के प्रभाव के ांजार रिकॉर्ड करके वैज्ञानिकों ने इस बात का अनुमान लगा लिया है कि अब तक कितने ब्लैक होल्स बन चुके होंगे। 2004 ؁ में नासा ने एक खोजी जिसमें नाम स्विफ्ट (Swift Probe) था (देखें। फोटो नंबर 4) उनके पत्र कली क किरणों के प्रभाव के ांजार को खोजने के लिये खाई में छोड़ा ताकि वे ब्रह्मांड में उनकी नज़र कर सके। इस स्विफ्ट खोजी अब तक की खोज गये सबसे से्ाकतोर पत्र कली किरणों के प्रभाव के ांजार रिकॉर्ड कर लिया है जो ब्रह्मांड के बहुत दूरदराज के क्षेत्र में घटित हो रहा है। अब तक स्विफ्ट खोजी समुद्र में से केवल एक बूँदें ही जितनी पता है। इसके बावजूद वह हर रोज कम से कम एक पत्र कली किरणों के प्रभाव का ांजार रिकॉर्ड कर ही लेता हे.बलेक होल की इस खोज नेजदीद खगोलीय आगे बढ़ने के लिए बहुत ही ठोस आधार प्रदान की है।

हम समझते थे कि जिस तरह जल परी को हम आज तक नहीं देख सके बस ही तरह ब्लैक होल्स भी एक पौराणिक किस्सा ही होंगे। और हम यह कभी पता नहीं लगा मानेंगी। मगर अब हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि स्वर्ग में अरब हा अरब ब्लैक होल्स पाए जाते हैं। जब हम अपनी और दूसरी आकाशगंगाओं पर नज़र डालते हैं तो यह बात दिन की रोशनी की तरह स्पष्ट हो जा जाती है कि हमारे ब्रह्मांड ब्लैक होल्स से भरी हुई हे.बलेक होल्स खोजना एक बात है और उनके काम करने के तरीके को समझना दूसरी बात है। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे तस्वीर का दूसरा रुख। उनके काम करने के तरीके को समझने का एक तरीका यह है कि आप ब्लैक होल यात्रा करें। इस काम के लिए एक व्यापक अंतरिक्ष यान होगा। जब आप ब्लैक होल के पास पहुंचीं गेतब आप तथ्य प्रकट होगी कि वहाँ तो समय बिल्कुल ही निवासी है। ब्रह्मांड में अरब हा अरब ब्लैक होल्स हैं लेकिन हम उनकी नज़र दोर्बियनों और कृत्रिम ग्रहों के द्वारा ही लगा सकते हैं। हम उन्हें करीब से नहीं देख सकतेकह वास्तव में वे कैसे दिखते हैं। इस बात के लिए हमें अभी काफी इंतजार करना होगा। वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल अंतरिक्ष यात्रा के मिशन के लिए अभी से अपने काल्पनिक घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। यह यात्रा ब्रह्मांड की सबसे सेख्रनाक जगह का एक तरह से एकतरफा टिकट ही होगा।

शुरू में भौतिक विज्ञानी ब्लैक होल्स के सिद्धांत से बहुत अधिक ख़ाइफ़ थे। उनकी तीव्र इच्छा थी कि किसी ब्लैक होल्स का नज़रिया विफल हो जाए क्योंकि वे नियमों भौतिकी जिनसे हमारा रोजमर्रा में संबंध पड़ता है उन्हें लागू वहाँ ब्लैक होल्स पर बिल्कुल नहीं होता। समय वहाँ निवासी जाता है। शक्ति गुरुत्वाकर्षण असीमित ला मतनाई हो जाती है। यह वास्तव में एक भयानक सपने जैसा हे.बहरषाल यह बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि इंसान तो ब्लैक होल्स के पास बिल्कुल नहीं जासकते.मगर शाीदांसान भविष्य में वहाँ रोबोट खोजी भेज सकें। यह रोबोट खोजी केवल किनारे तक जाकर हमें सूचना भेज सकता है जिसका नाम क्षितिज ोकीिह (Event Horizon) है। यह वास्तव ज़मान व मकान का वह अंतिम किनारा है जिसे हम अब तक जानते हैं। यह अंतरिक्ष को दो भागों में विभाजित करता है। यह कोई शारीरिक स्तर नहीं है कि जिस को देखा जा सके। किनारे को पार करते हुए शायद हमें यह भी पता न चले मगर दरअसल अगर एक बार आप इस हिस्से को पार कर लिया तो बस समझ लीजिए कि अब आप गए। आप जैसे ही किनारे के पास पहुंचते हैं वैसे ही तकली शक्ति अत्यंत शक्तिशाली हो जाती है और बहुत ही विचित्र प्रकार की स्थिति से आपका सामना होता हे.जसम का जो हिस्सा ब्लैक होल के पास होगा वह उतना ही अधिक तकली शक्ति महसूस करेगा। वास्तव में अपने शरीर सवोयों की तरह लम्बा होकर खींच रहा होगा और आप ऐसा लगेगा जैसे अपने शरीर को दो अलग विपरीत दिशाओं में खींचा जा रहा हो.आप शरीर बारीक से बारीक होता चला जाए गा.कूत गुरुत्वाकर्षण हमारे इस खोजी रोबोट को किनारे से आगे पहुंचने पर रेज़ा रेज़ा कर देगी।

मान लीजिए कि वह रोबोट इतना शक्तिशाली है कि क्षितिज ोकीिह पार कि बाद भी साबित बच जाता है तो फिर इसके बाद क्या होगा। जैसे ही रोबोट खोजी क्षितिज ोकीिह पास पहुंचेगा वैसे ही सब कुछ विचित्र व्यवहार करने लगे गी.ोहाँ तकली शक्ति इतना शक्तिशाली होगा कि उसने समय निवासी दिया होगा। समय एक कभी न खत्म होने वाली चीज बन गया होगा.बहरषाल यूं समझ लीजिए कि ब्लैक होल में समय बिल्कुल निवासी हो गया होगा। यह सुनने में बिल्कुल पागलपन महसूस हो रहा है, लेकिन ब्लैक होल में ऐसा ही होता है। गणित मसावातें और उनसे प्राप्त होने वाले परिणाम तो हमें अब तक यही बताते है। आप इस रोबोट को दूर से देख सकतेहों करेंगे तो आप ऐसा लगता है जैसे रोबोट की गति धीमी हो गई हो और के बाद वह एक जगह आकर रुक सा गया हो। हालांकि यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही तेजी के साथ पाए पूर्ति पहुँच गया होगा मगर बाहर से बिल्कुल ऐसा लग रहा है जैसे सब कुछ धीमी पड़ गई हो यहाँ तक कि वे एक जगह पर स्थिर हो गई हो। दरअसल हम किसी भी शरीर क्षितिजोकीिह पार करते हुए ब्लैक होल में गिरते देख नहीं सकते। हमें ऐसा लग आएगा जैसे वह क्षितिज ोकीिह पास जाकररक गया हो.क्योनकह जगह समय के बहने की गति असीमित रूप से धीमी हो मगर दरअसल वे रोबोट खोजी रुका हुआ नहीं होगा। अगर किसी तरह इस रोबोट खोजी कैमरा क्षितिज ोकीिह प्रवेश की जगह देखने में सक्षम होगा तो वह प्रकाश को ब्लैक होल में कैद होता देख सकेगा। अगर वह कैमरे का रुख ब्लैक होल द्वारा करेगा तो वह एक अनोखी दुनिया से रूबरू होगा। ब्लैक होल केंद्र सब कुछ अपनी ओर खींच रहा होगा एक ऐसे बिंदु से जो अकथ्य हद तक छोटा होगा.साइनस दानों ने उस स्थान का नाम "एकता" (Singularity) रखा है।

अब तक हम यह पता नहीं लगा सके कि वहां क्या चल रहा होगा.कताफ़्त इतनी अधिक होगी कि हमारे जाने पहचाने भौतिक होती नियम वहां लागू नहीं हो सके गा.ोहदानीत एक ऐसी जगह है जहां ज़मान व मकान की कल्पना बे अर्थ रह जाता है। आप यह बहुत ही अजीब लगेगा। मगर सच बात तो यह है एकता का सीधा मतलब है हम कुछ नहीं जानते। हमारे पास इस गुत्थी को सुलझाने का कोई तरीका नहीं है। अब तक वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब सही रूप से देने से विकलांग हैं कि ब्लैक होल में क्या चल रहा होगा। यह बहुत प्रेरित स्थिति नहीं है कि हमें यह तो पता है कि कुछ चीजों अंतरिक्ष बसी् में मौजूद हैं जिन पर वर्तमान नियमों भौतिक त लागू नहीं होता। हो सकता है कि वहाँ कुछ अन्य भौतिक होती नियम लागू जिनसे हम अभी तक अनजान हैं। हम सिर्फ इतना जानते हैं कि मरतेहोए सितारों से ब्लैक होल अस्तित्व में आते हैं। और उनमें से ज्यादातर का क्षेत्रफल 20 मील से अधिक नहीं होता है। कुछ ब्लैक होल हालांकि बहुत बड़े हैं जिन्हें हम तुक ालज़खीम ब्लैक होल Supermassive Black hole) ) कहते हैं। वे हमारे सौर मंडल जितने बड़े भी हो सकते हैं।

उनमें से एक तुक ालज़खीम ब्लैक होल तो हमारी अपनी आकाशगंगा विदेशी मेट्रो में ही स्थित है (देखें। फोटो नंबर 5 और 6) .ारब हा अरब सितारों के आसपास चक्कर लगा रहे हैं जो हमारा अपना सूरज भी शामिल है। ाकतरया सवाल उठता है कि अगर चांद पृथ्वी के चारों ओर और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं सूरज किस ओर चक्कर लगा रहा है। वास्तव में यह एक बहुत ही उत्कृष्ट सवाल है। खगोलविदों खुद यही जानना चाहते थे .साइनस दानों को शक था कि शायद विदेशी द्वार के केंद्र में कुछ ऐसा चल रहा है जो वहाँ ब्लैक होल के अस्तित्व की पहचान कर रहा है। क्योंकि वास्तव में हम ब्लैक होल प्रत्यक्ष गवाह नहीं कर सकते इसलिए हम इसके तकली प्रभाव सिर्फ समीक्षा ही ले सकते हैं। इंफ्रा रेड दोर्बियनों द्वारा वैज्ञानिकों नेमिलक वे केंद्र में लाखों सितारों एक बेहद करीब तो देख लिया है मगरमरकज़ में मौजूद गरदो गुबार के बादलों की वजह से वह यह नहीं देख सके कि मूल केंद्र में किया है।

वैज्ञानिकों की एक टीम ने पंद्रह साल इस बात अनुसंधान पर केवल किए हैं कि क्या वास्तव में विदेशी द्वार के केंद्र में कोई तुक ालज़खीम ब्लैक होल मौजूद है। अमेरिकी राज्य हवाई (Hawaii) क्षेत्र मो नाकी (Mauna Kea) बादलों से काफी ाोपरनसब विशालकाय दूरबीन "केक" (Keck) इसके लायक है वह हमारी आकाशगंगा के दिल समीक्षा लेस्के.वह हिस्सा जहां हमें यह साबित करना है कि ब्लैक होल मौजूद है वह अंतरिक्ष पैमाने पर अत्यधिक मखतसरसा क्षेत्र है। यह बिल्कुल ऐसे ही है जैसे भूसे के ढेर से सुई की खोज करना। बस फर्क सिर्फ इतना है कि यहाँ हमें यह पता है कि ब्लैक होल पाने स्थिति क्या है। इस अनुभव के लिए आप हर सितारे का स्थान बहुत सटीकता के साथ पता होना चाहिए कि आकाशगंगा के केंद्र में एक दूसरे से बहुत ही करीब हैं। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे कोई लाहौर में बैठ कर किसी को कराची में दूरबीन से खोजे।

केक दूरबीन लेजर किरणें वातावरण की मामूली सी हलचल से अपना संतुलन खो सकती हैं। इस बिगड़े हुए संतुलन सही करने की लिए आप 30 फुट व्यास दूरबीन दर्पण फिर ठीक करना होता है। फिर कहीं जाकर आप सटीकता के साथ फोटो ले सकते हैं और आकाशगंगा के केंद्र में सितारों की सही तरह से पीछा कर सकते हैं। पिछले 15 वर्षों के बीच वैज्ञानिकों ने हजारों तस्वीरें प्राप्त की हैं। और जब उन्होंने ने उनके चित्र का बारीकी से विश्लेषण किया तो पता चला सितारे आकाशगंगा के केंद्र में लाखों मील प्रति घंटा की गति से आगे रहे हैं। कहकशानी केंद्र का वातावरण बहुत ही घंटो वाला होता जिस गति से वे स्टार हरकत में हैं इतनी गति से कोई सितारा हमारी आकाशगंगा के किसी अन्य हिस्से में हरकत नहीं कर रहा और यही बात का संकेत करती है कि यहाँ ब्लैक होल अपना अस्तित्व रखता है। कहकशानी केंद्र में ऐसा लगता है कि छोटे ग्रह किसी न अभिमान सूर्य के चारों ओर चक्कर काट रहे हैं। मगर दरअसल वे ग्रह नहीं बल्कि सितारे हैं। इतने जसीम सितारों इतना तेज और इतने छोटे से कक्षा में चक्कर काटने के लिए बहुत अधिक तकली शक्ति दरकारहोती है और ब्रह्मांड में केवल एक चीज ऐसी है जिसके पास इतनी तकली शक्ति मवहोद है और वह है तुक ालज़खीम ब्लैक होल।

इस ब्लैक होल समीक्षा के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उसकी घनत्व सूर्य घनत्व से चालीस लाख गुना अधिक है। और यह हमारी आकाशगंगा के दिल में मौजूद है। यह एक बहुत ही बड़ी खोज थी.हमारी आकाशगंगा सब कुछ जो हमारे पूर्ण सौर प्रणाली भी शामिल है सब की कक्षा में चक्कर काट रहे हैं। मगर यह बात ध्यान में रहे कि केवल विदेशी वे आकाशगंगा ही वह एकमात्र आकाशगंगा नहीं है जिसके पास तुक ालज़खीम ब्लैक होल मौजूद है। इस तरह के तुक ालज़खीम ब्लैक होल अक्सर आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं। और रो मेड क (Andromeda) हमारे पड़ोस निकटतम आकाशगंगा है। वह भी एक तुक ालज़खीम ब्लैक होल (जिसकी घनत्व हमारे सूर्य की तुलना में 3 करोड़ गुना अधिक है) के आसपास चक्कर काट रही है 3 । दूसरी कहकशाएँ जिनमें से एक M-87 है ब्लैक होल घनत्व 20 अरब सूरजों के बराबर है।

ब्लैक होल इतने बड़े कैसे हो सकते हैं और वे आकाशगंगाओं के केंद्र में क्या कर रहे होते हैं। इस बात को जानने के लिए वापस 14 अरब साल पहले ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में जाना होगा.तब ब्रह्मांड गैस के बादलों से ाटी पड़ी थी.कछ स्थानों गैस के बादल इतने घने थे कि वहां पर लाखों सितारे जन्म ले सकते थे। इनमें ज्यादातर सितारे तुक ालज़खीम थे। वे बहुत तेजी के साथ मिश्रित और फिर फट कर ब्लैक होल्स में तब्दील हो गए। शुरुआती ब्रह्मांड एक ऐसी मुंह जोर जगह थी जहां मास के महान हिस्से ध्वस्त होते और ब्लैक होल गठन दीते.दरहकीकत शुरुआती ब्रह्मांड में जगह जगह ब्लैक होल्स पैदा हो रहे थे.कूत गुरुत्वाकर्षण उन्हें आपस में खींच रही थी। ब्रह्मांड के सर्वोच्च दौर में वे आपस में एकीकृत होते रहे और उनके इस एकीकरण से तुक ालज़खीम ब्लैक होल्स अस्तित्व में आते गए।सैकड़ों लाखों साल बाद हर एक ब्लैक होल बड़ा होता गया उसकी तकली ताकत बढ़ती गई परिणामस्वरूप वह और अधिक गैस खिंचे शुरू कर दिया। ब्लैक होल्स ने गैस के बादलों को पचाने जारी रखा जब तक कि अब उनके पदचिह्न कोई गैस का बादल नहीं बचा.कहकशाएँ दरअसल सितारों का संग्रह थीं और स्टार गैस के बादलों से बना पाते थे। आकाशगंगाओं के केंद्र भी क्योंकि नया नया था इसलिए ब्लैक होल्स के पचाने हेतु पर्याप्त मात्रा में गैस के बादल उपलब्ध थे। इसका भरपूर फायदा उठाते हुए ब्लैक होल्स ने खूब गैस पचाने और बड़े होते चले गए।

हम कल्पना कर सकते हैं कि जब कहकशाएँ अपनी प्रतिबद्धता शबाब पर थी तो उस समय नए सितारे खूब बन रहे थे। गरदो धूल और गैस के बादलों की पर्याप्त मात्रा सितारों और ब्लैक होल्स दोनों की जरूरत को खूब पूरा कर रहे थे। ब्लैक होल्स के पक्ष में माहौल बहुत गर्म था । गैस के बादल बहुत तेजी के साथ ब्लैक होल्स में प्रवेश कर रहे होंगे। फिर एक ऐसा क्षण आएगा जब ब्लैक होल्स के क्षितिज ोकीिह के पास तह दार टकया (Accretion Disk) जगह इतनी तंग हो जाएगी कि तापमान और मलाई की ताकतों की वजह से गैस के बादल फव्वारे के रूप में फट पड़ीं गे.हर एक वर्षा हमारे सौर मंडल से लगभग 20 गुना बड़ा होगा और यह वही समय है जब एफ ोक ालज़खीम ब्लैक होल कोज़ार (Quasars) को जन्म देते हैं .कोज़ार दरअसल ब्रह्मांड में सबसे मुनव्वर बात हैं.वे इतने तेज चमकते हैं कि पूरी आकाशगंगा की रोशनी इन प्रकाश में दब जाती है।

वैज्ञानिकों ने M-87 आकाशगंगा में एक कोज़ार की कल्पना की है (देखें। फोटो नंबर 7) .यह हमसे 5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। कोज़ार हर मिनट गैस महान ालजतह राशि जो लगभग "1 दस भूमि के द्रव्यमान के बराबर है, अंतरिक्ष में फैल रहे हैं। जब आप गैस को गर्म करते हैं तो यह फैलती है। यह बहुत बड़े पैमाने पर हवा चलने जीसाही हे.बलेक होल्स गैस को हजम करते हैं और कोज़ार उन्हें दूर धकेल हैं। आखिरकार जब आकाशगंगा गैस खत्म हो जाती है तो इस आकाशगंगा नशोनमाय भी रुक जाती है। वैज्ञानिकों के विचार के अनुसार किसी भी आकाशगंगा की मात्रा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल पर निर्भर करता है। दोनों एक दूसरे के लिए अविभाज्य हैं। गैसीय बादलों के समाप्त हो जाने के बाद कोज़ार के फव्वारे छोटे और बाद में समाप्त हो जाते हैं और आकाशगंगा के केंद्र में केवल ब्लैक होल और नए सितारों की खेप ही बचती है। बस ही तरह अतीत में हमारे विदेशी मेट्रो में भी हुआ था। जब हमारी आकाशगंगा नई नई बनी थी तो उस समय शायद यहाँ भी कोज़ार मौजूद था। मगर अब क्योंकि हमारी आकाशगंगा की उम्र काफी हो गई है इसलिए यह काफी शांत है। अब खगोलविदों कोज़ार अध्ययन इसलिए कर रहे हैं वे आशावादी हैं कि इसके जरिए वे ब्लैक होल के बारे में सीखें पाएंगे। चाँद रह रसदगाह(Chandra X-Ray Observatory) एक अंतरिक्ष दूरबीन है जो शक्तिशाली एक्स रीज़ किरणों के प्रभाव का पता लगाती है। उसने अब तक हजारों कोज़ार का पता लगाने है। सभी प्रकार और हर रूप के कोज़ार जो अंतरिक्ष में फव्वारे छोड़ रहे हैं। उनमें से प्रत्येक कोज़ार इंगित कर रहा है कि एक नई आकाशगंगा अस्तित्व में आ रही है। आकाशगंगाओं की बढ़ती उम्र के साथ साथ यह कोज़ार भी आखिरकार आराम की सांस लेते हैं। कहकशाएँ भी इंसानों की तरह युवा जोश से भरपूर हैं और जैसे-जैसे वह अधेड़ उम्र की तरफ बढ़ते हैं वैसे-वैसे उनका उत्साह कम होता चला जाता है।

अब हम यह जान चुके हैं कि तुक ालज़खीम ब्लैक होल ही कोज़ार को जन्म देते हैं और यह मूल आकाशगंगाओं को नियंत्रित करते हैं। आकाशगंगाओं के विकास को समझने में सबसे जरूरी उनका समझना है। बल्कि यूं कहना चाहिए कि आकाशगंगाओं को समझने की कुंजी उन्हें समझने में ही है। हमारे ब्रह्मांड और आकाशगंगाओं को समझने के लिए वह आधार प्रदान करते हैं। उनके बिना हम ब्रह्मांड और आकाशगंगाओं को समझ ही नहीं सकते। इन समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इन सीधे अध्ययन किया जाए । कोई भी यात्रा है कि उनका करीबी समीक्षा ले सकती संभव नहीं है।इसलिए वैज्ञानिक पता लगाने में लगे हुए हैं कि कोई ऐसा तरीका ढूंढ निकाला जाए कि किसी तरह की छवि प्राप्त की जा सके। इस काम के लिए उन्हें जमीन जितनी दूरबीन की जरूरत होगी। एक तुक ालज़खीम ब्लैक होल आकाशगंगा के बिल्कुल बीचों-बीच मौजूद है कि गहरे घने सितारों के झुंड में छिपा हे.साइनस दान पर ाम्मीदहीं कि जल्द ही उसे ढूंढ निकालेंगे। यह निश्चित रूप से शानदार पूर्वावलोकन होता अगर हम क्षितिज ोकीिह के पास जा सकते। प्रत्येक आकाशगंगा के बीच में एक तुक ालज़खीम ब्लैक होल मौजूद होता है। ब्लैक होल के आसपास सितारों के आसपास लाखों मील प्रति घंटा की गति से चक्कर लगाते हैं। इस लिए हमें अपनी उपस्थिति का ज्ञान है। शायद कोई ऐसा तरीका हो जिससे हम क्षितिज ोकीिह के किनारे से ब्लैक होल की तस्वीर ले सकें।

वैज्ञानिकों की एक टीम शेप डोलमन ( Shep Doeleman ) के नेतृत्व में प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह से ब्लैक होल की फोटो ले सकें। आखिरकार उन्होंने एक जगह ढूंढ निकाली जहां गैसीय बादलों भंवर किसी बेरोज़गार बात के आसपास चक्कर काटता हुआ गायब हो रहा था। यह किसी ब्लैक होल की छाया देखने ही जैसा था। जिस प्रक्रिया द्वारा वैज्ञानिकों ने देखा है वह अब तक का सबसे जदीद्रीकह कार है। इस विधि द्वारा प्राप्त होने वाली ब्रह्मांड की इस तस्वीर से पहले हमारी नज़रों से छिपा था। दृश्य दोर्बियनें (Optical Telescopes) ब्लैक होल सीधे निरीक्षण नहीं कर सकतें.लिकन चमकते हुए गर्म गैसीय बादल जो रेडियोधर्मिता लहरें (Radio Waves) छोड़ रहे हैं इसकी मदद से एक खाका तैयार किया जा सकता है। दिग्गजों मात्रा दोर्बियनें वह लहरें खाई में प्राप्त करती हैं।

MIT बोस्टन (Boston ) में स्थित एक रसदगाह का एंटीना लगभग 100 फीट चौड़ा है। यह इतना बड़ा है दूर सेआती कमजोर से कमजोर लहरों पकड़ सके। इस लहरें हमारी आकाशगंगा के केंद्र में स्थित ब्लैक होल आर ही हैं जो हमें लगभग 25 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद है। मगर इस दूरबीन से ली गई सामग्री भी इतना नहीं है कि एक स्पष्ट प्रकार का खाका तैयार किया जा सके। एक स्पष्ट रूपरेखा प्राप्त करने के लिए हमें ऐसी कई दोर्बियनों की जरूरत होगी और उन्हें पूरी दुनिया में इस तरह लगाना होगा कि वह एक जमीन जितनी बड़ी दूरबीन की तरह काम करस्कें.डोलमन टीम इन दोर्बियनों जो हवाई से चली तक और चिली से अफ्रीका तक फैली होंगी कनेक्ट करेगी। जब दोर्बियनों का यह जाल पूरा हो जायेगा तो यह एक ऐसी दूरबीन के रूप में काम करेगी जिसकी प्लेट लगभग 10 हजार मील शामिल हो। इस शक्ति एक दूरबीन की तुलना में 500 गुना अधिक बढ़ जाएगी। यह इतना शक्तिशाली हो जाएगी कि हमारी आकाशगंगा में मौजूद तुक ालज़खीम ब्लैक होल क्षितिज ोकीिह की तस्वीर ले सकती। इस दूरबीन हमारी आकाशगंगा के अंधेरे हिस्से से संकेत प्राप्त करने शुरू कर चुकी है। इस प्राप्तकर्ता गए सर्वोच्च सिग्नल कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर वैज्ञानिक बहुत खुश हैं। लेकिन अब भी यह संकेत इतने शक्तिशाली नहीं हैं जो एक पूर्ण छवि स्केच के लिए आवश्यक हैं। डोलमन और उनकी टीम काफी आशावादी हैं कि जब इस नेटवर्क में अधिक दोर्बियनें शामिल हक्रकाम शुरू करें जाएगी तो वह बेहतर तस्वीर प्राप्त कर लें करेंगे। निकट भविष्य में वैज्ञानिक आखिरकार इसके लायक हो जाएं कि वे ब्लैक होल कावाज़ह रूपरेखा प्राप्त कर सकें। भविष्य में हो सकता है कि हमारी प्रौद्योगिकी इतनी विकसित हो जाय कि न केवल हम ब्लैक होल में प्रवेश सकें बल्कि उनकी यात्रा करके बाहर सही सलामत भी निकल आईं तब ही हम इस योग्य हो सकें करेंगे बता सकें कि आखिर ब्लैक होल में कौन नियमों भौतिकी ग्लाइडिंग।

कुछ वैज्ञानिक इस बात पर विश्वास करते हैं कि ब्लैक होल दूरदराज ब्रह्मांड में यात्रा करने कामखतसर रास्ता है। यह अभी केवल वैचारिक बातें हैं। गणित गणना बहरहाल इस बात का संकेत दे रहे हैं कि कोई भी चीज़ ब्लैक होल में गिर खत्म नहीं होती बल्कि वह एक वार्म होल (Worm Hole) में गिरजाघर है। जो वास्तव में ब्रह्मांड में ज़मान व मकान मखतसरतरीन रास्ता है। हो सकता है कि हम ब्रह्मांड की यात्रा इन ब्लैक होल्स के द्वारा सकें। अगर वाकई ऐसा है तो यह विज्ञान कथा वालों के लिए जबरदस्त खुशखबरी होगी कि उनका एक कल्पना हकीकत का रूप धारले जाएगा। गणित समीकरण के हिसाब से समय में यात्रा हालांकि संभव है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इस सामान इतने अनोखे हैं कि हम उन्हें अब प्रयोगशाला में नहीं बना सकते। अगर हम कभी इसके लायक होते कि उन्हें प्रयोगशाला में बना सकें तो हम निश्चित रूप से समय में यात्रा कर सकते हैं। हो सकता है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां समय में यात्रा करने के विशेषज्ञ हों। तो तैयार रहिए अगर कभी कोई अजनबी आपको लगता है कि घर पर आकर दस्तक दे और कहे कि मैं आपके पड़ पोते का पड़ पोते हों तो दरवाजा बंद मत प्राप्त होगा।

ब्लैक होल एक दूसरे ब्रह्मांड का दरवाजा भी हो सकता है या यह भी संभव है कि उसके अन्य द्वारा कोई बिग बैंग शुरू हो रहा है। हो सकता है कि ध्वस्त और सिमटते ब्लैक होल पदार्थों को दूसरी ओर व्हाइट होल (White Hole) में निकाल रहा हो। आप ब्लैक होल की समानता पर एक नज़र रखना और इस समीकरण को भरना शुरू करें जिसमें ब्रह्मांड घनत्व, इस मात्रा और इसे संबंधित अन्य सामान इसमें रखें तो आप देखेंगे कि हमारे ब्रह्मांड ने ब्लैक होल के समीकरण को हल । दूसरे शब्दों में यूं समझें कि हम क्षितिज ोकिया में भी हो सकते हैं या हो सकता है कि हम किसी ब्लैक होल के अंदर ही रह रहे हैं। हो सकता है कि हर एक ब्लैक होल एक नई सृष्टि की जन्मभूमि हो.ागर यह बात सच हुई तो अरब हा अरब काईनातें हूँ होगा जो सितारों, आकाशगंगाओं, ग्रहों और बहुतायत हूँ जाएगा। बहरहाल यह तो भविष्य की काल्पनिक बातें हैं। अभी तो हम सिर्फ इतना जानते हैं कि ब्लैक होल हर जगह मौजूद हैं। इस बहुत बड़े भी हैं और उनका किरदार ब्रह्मांड के निर्माण और मौजूदा शक्ल व सूरत देने मेंजितना हम इस बात का अनुमान नहीं कर सकते। दृश्य दोर्बियनों से प्राप्त जानकारी जो हम ब्रह्मांड की मूल बातें समझ थीं वे ब्लैक होल की खोज कि बाद बहुत बदल गए हैं। लोग सोचते हैं कि ब्लैक होल के भौतिक त बहुत अधिक मंत्र प्रकार की है, लेकिन हम अभी इस राह पर पहुँच गए हैं जहां हमें यह बात मालूम है कि उन्होंने ब्रह्मांड के गठन और उसके विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अतीत में ब्लैक होल विज्ञान कथा का हिस्सा होते थे और अंतरिक्ष यात्री उनसे दूर भागते थे। अक्सर विज्ञान कथा फिल्मों और कहानियों में दिखाया गया है कि लोग अपना अंतरिक्ष यान उन्हें दूर रखने की कोशिश करते हैं। शायद यह बात अतिशयोक्ति न होगी अगर हम कहें कि ब्लैक होल न होते तो हम भी नहीं होते। हमारा अस्तित्व ब्लैक होल का कृतज्ञ है। कहानी अभी खत्म नहीं हुई। ब्रह्मांड कि रहस्यमय सबसे चीजों में से एक जिसका नाम ब्लैक होल है के बारे में बहुत कुछ पता लगाने के लिए अब बाकी है।

समाप्त शुद

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